त्रिभुज से सम्बन्धित महत्वपूर्ण 31 नियम



  1. त्रिभुज:तीन भुजाओं से घिरे क्षेत्रफल को त्रिभुज कहते हैं। 
  2. कोण के आधार पर त्रिभुज तीन प्रकार के होते हैं। 
  3. न्यूनकोण त्रिभुज में प्रत्येक कोण 90 डिग्री से कम होता है।
  4. समकोण त्रिभुज में एक कोण 90 डिग्री का होता है और दोनों शेष दोनों कोण एक दूसरे के पूरक होते है। 
  5. अधिक कोण त्रिभुज में तीनों में से एक कोण 90 डिग्री से अधिक का होता है। 

  6. भुजाओं के आधार पर भी त्रिभुज तीन प्रकार के होते हैं।
  7. विषमबाहु त्रिभुज में कोई भी भुजा आपस में समान नहीं होती हैं।
  8. समद्विबाहू त्रिभुज में दो भुजायें आपस में समान होती है और समान भुजाओं के विपरीत कोण भी आपस में समान होते हैं। 
  9. समबाहु त्रिभुज में तीनों भुजाओं समान होती है और हरेक कोण 60 डिग्री का होता है।

  10. किसी त्रिभुज में एक भुजा के विपरीत शीर्ष से भुजा पर डाला गया लंब 'अभिलंब' कहलाता है। 
  11. एक त्रिभुज में तीन अभिलंब होते है

  12. त्रिभुज में शीर्ष के सामने वाली भुजा के मध्य बिंदु से मिलाने वाली रेखा मध्यिका कहलाती है।
  13. प्रत्येक त्रिभुज में तीन मध्यिकायें होती है
  14. मध्यिका त्रिभुज को दो बराबर भागों में बांटती है।
  15. त्रिभुज में कोण समद्विभाजक ऐसी रेखाखंड होती  है जो त्रिभुज के कोण को दो समान भागों में बांटता है।
  16. त्रिभुज में लंब समद्विभाजक ऐसी रेखाखंड होती है जो त्रिभुज की भुजा के साथ समकोण बनाते हुए उसे दो समान भागों में बांटती है।  
  17. वह बिंदु जहाँ त्रिभुज के तीनों अभिलंब मिलते है, लम्ब केंद्र कहलाता है।
  18. त्रिभुज की तीनों मध्यिकायें जिस बिंदु पर मिलती है केंद्रक कहलाता है।
  19. केंद्रक प्रत्येक मध्यिका को 2:1 में विभाजित करता है।
  20. जिस बिंदु पर त्रिभुज के कोण समद्विभाजक मिलते है अंत:केंद्र कहलाता है।
  21. त्रिभुज का वह बिंदु जहाँ भुजाओं के लम्ब समद्विभाजक मिलते है परिकेंद्र कहलाता है।
  22. परिकेंद्र हमेशा तीनों शीर्षो से समान दूरी पर स्थित होता है।
  23. किसी समकोण त्रिभुज के कर्ण का वर्ग शेष दो भुजाओं के वर्ग के योग के बराबर होता है।
  24. त्रिभुज में किसी भुजा के समानांतर खींची गई रेखा शेष भुजाओं को समान अनुपात में बांटती है।
  25. त्रिभुज में दो भुजाओं के वर्ग का योग तीसरी भुजा की माध्यिका और उसके आधे वर्ग के योग के दोगुने के बराबर होती है।
  26. त्रिभुज में किसी कोण की समद्विभाजक विपरीत भुजा को शेष भुजाओं के अनुपात में विभाजित करता है।
  27. त्रिभुज में किन्हीं दो त्रिभुजों की संगत भुजाएं समान होने पर वह दोनों सर्वागसम त्रिभुज कहलाते हैं।
  28. दो त्रिभुजों की दो संगत भुजाएं तथा उनके बीच का कोण समान होने पर वह दोनों पर वह दोनों त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं।
  29. दो त्रिभुजों के कोई दो कोण एवं उनके बीच की भुजा समान होने पर वह दोनों त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं।

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