how to write essay in competitive exam


how to write essay in competitive exam

प्रतियोगी परीक्षाओं में ऐसे लिखें निबंध

यूपीएससी व स्टेट लेवल पीएससी परीक्षाओं में निबंध लेखन यानी एस्से राइटिंग एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। जहां आपकी नॉलेज और लेखन कुशलताओं का सही मेल आपको अच्छा स्कोर दिलाने में काम आता है। जानिए कैसे आप इस स्किल में दक्ष बन सकते हैं-

टॉपिक की तैयारी (How to prepare topic)

प्रतियोगी परीक्षाओं में एस्से आमतौर पर सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, अंतरराष्ट्रीय संबंधों से जुड़े टॉपिक्स पर आधारित होते हैं। इसके अलावा परीक्षा विशेष के अनुसार भी टॉपिक निर्धारित होते हैं। मसलन बैंक परीक्षाओं में करंट अफेयर्स से लेकर आर्थिकी से जुड़े मुद्दों पर निबंध हो सकते हैं। वहीं सिविल सर्विसेज में एस्से राइटिंग के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी क्योंकि यहां इतिहास, अर्थव्यवस्था से लेकर साइंस एंड टेक्नोलॉजी तक टॉपिक्स की रेंज विस्तृत होती है। साथ ही इन्हें लिखने में भी काफी सावधानी बरतनी होती है। जो भी परीक्षा दे रहे हों, उसके पिछले पेपर्स देखें। पुराने पेपर्स में पहले आ चुके निबंधों की एक सूची बनाइए। यह एनालिसिस आपको बता देगा कि आपको किन टॉपिक्स की तैयारी करनी चाहिए।

पढ़ने की आदत डालें (Reading habit is important)

कुछ किताबें या अखबार पढ़कर आप एस्से राइटिंग में पारंगत नहीं हो सकते। यह एक लंबी प्रक्रिया है जिसके लिए लगातार पढ़ना जरूरी है। अंग्रेजी अखबारों के संपादकीय, मैगजींस व अखबार व न्यूज चैनल देखते रहें। करंट अफेयर्स की जानकारी आपको सभी तरह के टॉपिक  के लिए तैयार कर देगी। कोर्स के अलावा भी भारतीय संस्कृति, इतिहास, लोकतंत्र से जुड़ी प्रमुख लेखकों की किताबें पढ़ने की आदत डालिए। इससे आपकी समझ विस्तृत होगी।

जब लिखना शुरू करें(How to start writing)

परीक्षा में निबंध एकदम से लिखना शुरू न करें, बल्कि लिखने से पहले विचार करें। दिए गए टॉपिक के बारे में जो कुछ भी जानते हों उसे याद करने की कोशिश करें। टॉपिक से जुड़ी कोई ताजा घटना, कोटेशन, हस्तियां, इतिहास, कानून आदि जो भी दिमाग में आ रहा हो, उन पॉइंट्स की छोटी सी सूची बना लें। टॉपिक के सकारात्मक व नकारात्मक पहलुओं को भी इनमें शामिल करें। ये भी देखें कि क्या आप निबंध में कोई डायग्राम बना सकते हैं। इसके बाद इन पॉइंट्स की प्राथमकिता तय करें कि कौनसा पहले आएगा और कौनसा बाद में।

तीन बातों का ख्याल रखें (Important points to remember)

पॉइंट्स सोच लेने के बाद कुछ बातें ध्यान में रखें।
1. निबंध की लंबाई वर्ड लिमिट के भीतर होनी चाहिए। आपकी नॉलेज कितनी भी अच्छी क्यों न हो, लेकिन निबंध आपको वर्ड लिमिट के भीतर ही लिखना होगा। इसके लिए पहले दिमाग में एस्से की समरी तैयार कर लें और दी गई लिमिट में महत्वपूर्ण कंटेंट को लिखें।
2. याद रखें फैक्ट्स एक दूसरे से जुड़े हों और निबंध के पॉइंट्स का कम्र सही व लॉजिकल रखें। इसके अलावा भाषा और वोकैबलरी पर आपका अच्छा कमांड होना चाहिए। अगर आपकी भाषा में अच्छे हैं लेकिन तथ्यों की नॉलेज नहीं है तो यह काम नहीं आएगी। जरूरी है कि दिए गए टॉपिक पर आपके पास व्यू हो। सिर्फ भाषा और शबदों से यह जंग नहीं जीती जा सकती। जरूरी है कि फैक्ट्स व पॉइंट्स को सही भाषा में उतारें। एक बार फ्लो में लिखेंगे तो आसानी होगी।
3. यह जरूरी है कि महत्वपूर्ण पॉइंट्स को आप मिस न करें।

निबंध की संरचना (Structure of essay)

एक अच्छा इंट्रोडक्शन, बॉडी और निष्कर्ष मुख्य तौर पर निबंध का हिस्सा होते हैं। ओपनिंग पैराग्राफ अगर इंप्रेसिव होगा तो एगजामिनर की रुचि इसमें विकसित होगी। बॉडी का कंटेंट भी संतुलित व प्रभावी होना चाहिए। सबसे पहले टॉपिक का इंट्रोडक्शन, उसके बाद पृष्ठभूमि या इतिहास, फिर मुख्य कॉन्सेप्ट, टॉपिक की वर्तमान स्थिति, उससे जुड़ी न्यूज, सकारात्मक व नकारात्मक पहलू लिखें। आखिर में जो कुछ भी लिखा है उसका निष्कर्ष भी निकालें।
अपने विचारों को सही ढंग से प्रस्तुत करें। उदाहरणों, विवरणों, कोटेशन, व्यू पॉइंट्स स्टेटिस्टिक्स इसमें शामिल करें। इसके अलावा मैटर को हेडिंग, सब हेड्स, डायग्राम या ग्राफ आदि के माध्यम से स्पष्ट बना सकते हैं।

कुछ जरूरी सुझाव (Some important tips and suggestions)

- अपनी व्यक्तिगत राय निबंध में न झलकने दें। किसी राजनीतिज्ञ पार्टी विशेष की उपलब्धियों या घोटालों के बारे में नाम लेकर जिक्र करने से बचें। जरूरत से ज्यादा अच्छाई या बुराई को निबंध में शामिल न करें।
- लिखते वक्त अगर सुधारों का सुझाव देना चाहते हैं तो उन्हें भी शामिल कर सकते हैं।
- याद रखें एक आम आदमी के नजरिए के बजाय भविष्य के ऑफिसर के रूप में सोचें और संतुलित होकर लिखें।
- सरकारी आलोचना आपको अधिक अंक नहीं दिलाएगी, बल्कि तटस्थ होकर लिखना ज्यादा फायदेमंद होगा। इसका अर्थ यह भी नहीं है कि आप बिना अपनी राय रखें यूं ही लिखते चले जाएं, लेकिन किसी भी मुद्दे पर जरूरत से ज्यादा उत्साहित नजर न आएं।
- धर्म, संस्कृति, भाषा, साहित्य, राज्यों आदि टॉपिक्स पर लिखने में संतुलन बरतें।

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