खुले बाजार में करिअर का अकाउन्ट्स
खुले बाजार में करिअर का अकाउन्ट्स
खुला हुआ बाजार यानी ढेर सारी राष्ट्रीय, बहुराष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं। इसके साथ ही उनका ढेर सारा मुनाफा और उसका हिसाब किताब। इस हिसाब किताब को संभालने के लिए ढेरो अकाउन्टस एक्सपट्र्स। पिछले एक दशक के दौरा अकाउन्ट्स की दुनिया पूरी तरह बदल गई है। दस साल पहले जहां अकाउन्टस में चार्टर्ड अकाउन्ट के अलावा ढेरों आप्शन्स का अभाव था, वहीं अब ढेरों नये क्षेत्र सामने आ गए हैं, जिनमें हिसाब किताब रखने के नये तरीके और नये एक्सपट्र्स की तेजी से मांग बढ़ रही है। पहले भी काॅमर्स में अकाउन्ट्स सबसे बेहतरीन विषय माना जाता था लेकिन अब तो उसने अपने लिए नया बाजार ही पैदा कर लिया है।
कौन कौन से कोर्स?
वैसे तो सामान्य तौर पर काॅमर्स में कक्षा बारह सफलतापूर्वक पास कर लेने के बाद ज्यादातर उम्मीदवार सीए, सीएस और आईसीडब्ल्यूए की तरफ जाते हैं लेकिन जो इस से इतर कुछ नया कर दिखाना चाहते हैं उनके लिए भी ढेरों आप्शन्स के दरवाजे खुल चुके हैं। अकाउन्ट्स में स्नातक के अलावा अकाउटिंग और फाइनेन्स में बीबीए, अकाउन्ट्स में बीकाॅम, अकाउन्टिंग एंड टैक्सेसन को मिलाते हुए स्नातक, अकाउन्टिंग और फाइनेन्स में स्नातक, एडवांस्ड अकाउन्टिंग में बीकाॅम, काॅरपोरेट अकाउटिंग में डिग्री, एलीमेन्ट्स आॅफ काॅस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउटिंग में स्नातक, अकाउन्ट्स में आॅनर्स, डायरेक्ट एंड इनडायरेक्ट टैक्सेशन में बीकाॅम, प्रिंसिपल एंड प्रैक्टिस आॅफ अकाउन्टेन्सी में डिग्री, टैक्स प्रोसीजर एंड पै्रक्टिस में स्नातक के बाद टैक्ससेशन, अकाउन्टेन्सी एंड बिजनेस स्टेटेटिक्स, अकाउन्टिंग एंड आॅडिटिंग, अकाउन्टिंग एंड फाइनेन्स, अकाउन्टिंग एंड टैक्ससेशन, एडवांस्ड अकाउन्टिंग, कारपोरेट अकाउन्टिंग, काॅस्ट कंट्रोल एंड कंट्रोल अकाउन्टस में स्नातकोत्तर किया जा सकता है। कम समय देकर अपने रेज्यूमे को बेहतर बनाने के लिए ढेरों डिप्लोमा कोर्सेज भी कई संस्थानों द्वारा करवाए जाते हैं, जिनमें एडवांस्ड डिप्लोमा इन फाइनेन्शियल अकाउन्टिंग एंड टैक्ससेशन, एडवांस्ड डिप्लोमा इन टैक्ससेशन, डिप्लोमा इन अकाउन्टिंग एंड आॅडिटिंग, डिप्लोमा इन एडवांस्ड अकाउन्टिंग, डिप्लोमा इन एडवांस्ड काॅस्ट अकाउन्टिंग, डिप्लोमा इन कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज, डिप्लोमा इन फाइनेंस, बजट एंड अकाउन्टिंग, डिप्लोमा इन टैली, डिप्लोमा इन टेªजरी इन्वेस्टमेंट एंड रिस्क मैनेजमेंट, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन अकाउटिंग साॅफ्टवेयर, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन प्रोफेशनल अकाउटिंग, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन इंटरनेशनल फाइनेन्शियल अकाउंटिंग सिस्टम शामिल है।
कहां से कर सकते हैं कोर्स?
वैसे तो हर राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश में स्थित विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों में अकाउन्ट्स में ग्रेजुएशन और विश्वविद्यालय में पोस्ट ग्रेजुएशन तथा पीएचडी कोर्सेज की सुविधाएं प्राप्त हैं लेकिन भारत के कुछ काॅलेजेज को वाणिज्य और उससे संबंधित पाठ्यक्रमों के लिए बेहतरीन माना जाता है, उनमें से कुछ का विवरण हैः
1. श्री राम काॅलेज आॅफ काॅमर्स, नई दिल्ली।
2. लेडी श्रीराम काॅलेज फाॅर वूमन, नई दिल्ली।
3. लोयला काॅलेज, चेन्नई।
4. क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बैंगलोर।
5. सेंट जेवियर काॅलेज, मुंबई।
6. अनिल सुरेन्द्र मोदी स्कूल आॅफ काॅमर्स, मुंबई।
7. सियम्बोसिस सोसाइटी काॅलेज आॅफ आट्र्स एंड काॅमर्स, पूणे।
8. सेंट जोसेफ काॅलेज आॅफ कामर्स, बैंगलोर।
9. हंसराज काॅलेज, नई दिल्ली।
10. मद्रास क्रिश्चियन काॅलेज, चेन्नई।
11. आ.ए. पोद्दार काॅलेज आॅफ काॅमर्स एंड इकोनाॅमिक्स, मुंबई।
12. हिन्दु काॅलेज, नई दिल्ली।
13. श्री वेंकटेश्वरा काॅलेज, नई दिल्ली।
14. जीसस एंड मेरी काॅलेज, नई दिल्ली।
15. एच. आर. काॅलेज आॅफ कामर्स एंड इकोनाॅमिक्स, मुंबई।
कौन-कौन से अवसर?
इस क्षेत्र में ढेरों नये अवसर समय के साथ पैदा होते जा रहे हैं। यह भारत में युवाओं द्वारा बेहतरीन भविष्य के लिए सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाले विषयों में से एक है। डिग्री या डिप्लोमा पूरा होते ही आपको किसी संस्था या कंपनी में ट्रेनी या जूनियर अकाउंटेंट के तौर पर काम करने का अवसर मिलता है। इसके अलावा सरकारी क्षेत्र में भी रोजगार के कई अवसर हैं, सभी राज्यों के अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड और चयन आयोग समय-समय पर अकाउंट्स सर्विसेज के लिए आवेदन आमंत्रित करते रहते हैं। अकाउन्ट्स में महारत रखने वालो के लिए निजी क्षेत्र में शुरूआती दौर में 10 हजार से 15 हजार प्रतिमाह की नौकरी आसानी से मिल जाती है जो समय और अनुभव बढ़ने के साथ बढ़ती चली जाती है। ढेरों चार्टर्ड अकाउंटेंट फम्र्स भी अनुभवी अकाउटेंट्स को पांच लाख से दस लाख सालाना तक के पैकेज आसानी से दे देती है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों का पैकेज तीन लाख से शुरू होकर पचास लाख तक चला जाता है। यह पूरी तरह व्यक्ति के काबिलियत पर होता है कि वह अपने विषय पर कितनी पकड़ रखता है। निजी क्षेत्र में फाइनेन्स मैनेजर्स, इंडिपेंडेंट वकर्स, फाइनेन्शियल एडवाइजर, डायरेक्टर फाइनेंस, फाइनेन्शियल कंट्रोलर, चीफ फाइनेंन्शियल आॅफिसर, सर्टिफाइट पब्लिक अकाउंटेंट और मैनेजर अकाउन्ट्स जैसे पदों पर काम करने का मौका मिल सका है।
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